Harihar Fort Nashik | भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही मूर्ति कला, सांस्कृतिक कार्यक्रम और निर्माण कला पर जोर दिया गया है, एवम् यह कहे कि भारत नदियों, मंदिरों और किलो का देश है तो गलत नहीं होगा । अब बात किलो की आई है तो नासिक का हरिहर फोर्ट चर्चा में ना आए यह कैसे हो सकता है ।
हरिहर फोर्ट या हर्षगढ़ नामक यह प्रसिद्ध किला महाराष्ट्र के नासिक शहर से 40 किलोमीटर दूरी पर एक ऊंची और दुर्गम रास्तों वाली पहाड़ी पर निर्मित है । अपनी ऊंची और दुर्गम सीढ़ियों की वजह से हरिहर किला पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है । मेरी मानिए अगर आप कमजोर दिल वाले है, और आपको ऊंचाई से डर लगता है तो आप Harihar Fort में घूमने का प्लान ध्यान पूर्वक बनाना चाहिए । क्योंकि इसकी सीढ़ियां कई जगह तो 90° तक सीधी खड़ी है । तो चलिए जानते है हरिहर किले का इतिहास और हरिहर फोर्ट की जानकारी :-
Harihar Fort History – हरिहर फोर्ट का इतिहास एवम् संक्षिप्त परिचय
हरिहर फोर्ट का इतिहास | |
किले का नाम | हरिहर फोर्ट / हर्षगढ़ |
निर्माण | 9 वी से 14 वी शताब्दी के बीच |
निर्माता | यदुवंशी क्षत्रिय राजवंश |
ऊंचाई | 3676 फिट |
स्थान | नासिक से 40 किमी. दूरी पर स्थित ( महाराष्ट्र, भारत ) |
श्रेणी | पहाड़ी किला ( गंतव्य ) |
वर्तमान स्थिति | खंडहर |
भारत के प्रत्येक क्षेत्र में विशाल और भव्य किलों का निर्माण किया गया है, इनमे से ही एक है हरिहर फोर्ट, नासिक । यह किला महाराष्ट्र राज्य के नासिक से 40 किलोमीटर दूर पश्चिमी घाट के त्र्यंबकेश्वर पर्वत की चोटी पर बना हुआ है । ज्ञात तथ्यों के अनुसार हरिहर किले का निर्माण सेऊना ( यदुवंशी क्षत्रिय ) राजाओं ने 9वी. से 14वी. शताब्दी के मध्य में करवाया था ।
किले को बनवाने का मूल उद्देश्य गोंडा घाट से गुजरने वाले व्यापारिक मार्ग की रक्षा था । कालांतर में किले का महत्व देखते हुवे इस पर कई शासकों ने आक्रमण किया था, और कब्जा भी किया था । 17वी. शताब्दी में अंग्रेजो ने इस किले को अपने अधीन कर लिया था । सुरक्षा एवम् निर्माण की दृष्टि से यह किला बहुत अधिक महत्वपूर्ण था ।
हरिहर किले की आंतरिक संरचनाएं – Harihar Fort Inside View in Hindi
वर्तमान में किला लगभग खंडहर बन चुका है, इसकी सभी संरचनाएं खत्म हो चुकी है । मुख्य रूप से इसका प्रवेश द्वार पर भंडारण ग्रह शेष है, और किले में पहाड़ी को काटकर बनाए गए पानी के कुण्डो की एक श्रृंखला बची है । बाकी हरिहर फोर्ट की सभी आंतरिक संरचनाएं खंडहर बन चुकी है ।
Harihar Fort Trek – हरिहर किले पर ट्रेकिंग
अगर आप भी ऊंची पहाड़ियों पर चढ़ने के शौकीन है, तो यकीन मानिए हरिहर किले पर चढ़ाई का अनुभव आपकों बहुत रोमांचित करेगा । Harihar Fort पर चढ़ने के लिए 117 सीढ़ियां बनी हुई है, जो आपकी यात्रा को थोड़ा सुगम जरूर बनाएगा पर यकीन मानिए यह चढ़ाई आसान बिलकुल नहीं होने वाली है ।
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हरिहर फोर्ट पर सीढ़ियां कई जगह बिलकुल 90° से 70° सीधी खड़ी हो जाती है, जिनसे नीचे का दृश्य थोड़ा भयावह हो जाता है । किले पर चढ़ाई को आसान बनाने के लिए सीढ़ियों पर छोटे-छोटे गड्ढे किए गए है, ताकि चढ़ने वालो को आसानी हो सके ।
हरिहर फोर्ट की यात्रा के लिए टिप्स – Tips For Visiting Harihar Fort
अगर आपने भी हरिहर किले में घूमने का प्लान बनाया है, तो नीचे गए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स को जरुर ध्यान में रखे । ताकि आपकी यात्रा सुखद एवम् आनंदमय हो:-
- अगर आप हरिहर फोर्ट पर ट्रेकिंग करने वाले है, तो याद रखे की आपको ढीले और आरामदायक कपड़े पहनने है और साथ में अच्छे स्पोर्ट्स जूते जरूर पहने ।
- अपने बैग-पैक में पानी और खाने की चीजे जरूर साथ लेकर जाए, क्योंकि हरिहर दुर्ग ऊंची पहाड़ी पर स्थित है और इसकी दुर्गम सीढ़ियों पर चढ़ाई में काफी समय लगता है । इसलिए साथ में पानी और खाना बहुत जरूरी होता है ।
- अपने साथ अच्छा मोबाइल या कैमेरा अवश्य ले जाएं। क्योंकि किला ऊंची पहाड़ी पर निर्मित होने के कारण किले से चारों ओर का दृश्य बहुत ही सुंदर और लुभावना होता है, और आपके साथ कैमरा होगा तो यह पल आप जरुर कैद करना चाहेंगे ।
- अपने साथ छोटी-मोटी रस्सी अवश्य ले जाए, ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में आपके काम आ सके ।
- यह जरूर ध्यान रखे की श्याम होने से पहले किले से नीचे जरूर आ जाए। क्योंकि किले की सीढ़ियां बहुत दुर्गम है, और संध्या के बाद इन पर उतरना बहुत कठिन हो जाता है ।
हरिहर किले में घूमने का सबसे अच्छा समय
आपने अगर हरिहर फोर्ट घूमने का प्लान बनाया है, तो आप पूरे साल किसी भी महीने में यहां घूमने आ सकते है । किंतु हरिहर किला घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक रहता है । क्योंकि इस समय मौसम सुहावना रहता है, और ज्यादा धूप ना होने के कारण किले की सीढ़ियां चढ़ने में भी आसानी होती है । आप प्रातः 7 बजे से किले के लिए चढ़ाई शुरू कर सकते है, और आराम से 3-4 घण्टे किला धूमकर संध्या से पहले किले से वापस लौट सकते है ।
हरिहर फोर्ट कैसे पहुंचे? – How To Reach Harihar Fort
आप हरिहर फोर्ट में घूमने के लिए तीनों मार्गो फ्लाइट, ट्रेन और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते है, तो आइए जानते है हरिहर किले पर कैसे पहुंचे:-
हवाई यात्रा से हरिहर फोर्ट कैसे पहुंचे?
अगर आप हवाई जहाज से आना चाहते है, तो आपको छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई के लिए फ्लाइट पकड़नी पड़ेगी जो यहां से 170किमी. दूर स्थित है, फिर वहां से बस या ट्रेन के माध्यम से हरिहर फोर्ट पहुंच सकते है ।
ट्रेन से हरिहर किला कैसे पहुंचे?
अगर आप भारत के किसी अन्य राज्य से आ रहे है, और ट्रेन आपकों उचित लगती है तो हरिहर फोर्ट पहुंचने के लिए आपको नासिक के लिए ट्रेन पकड़नी पड़ेगी । नासिक रेलवे स्टेशन किले से 56किमी. की दूरी पर स्थित है, अन्यथा आप कसारा रेलवे स्टेशन से भी हरिहर किला पहुंच सकते है जो किले से 60किमी. की दूरी पर स्थित है । यहां से आपको बस या फिर प्राइवेट टैक्सी सर्विस भी मिल जायेगी ।
सड़क मार्ग से हरिहर किले पर कैसे पहुंचे?
अगर आप सड़क मार्ग से Harihar Fort Nasik आना चाहते है, तो मुंबई या नासिक से आपकों सरकारी अथवा प्राइवेट बसों की सर्विस उपलब्ध मिलेगी। भारत के सभी मुख्य सड़क मार्गों से जुड़ा होने के कारण आप यहां अपना पर्सनल वाहन लेकर भी आ सकते है ।
हरिहर फोर्ट का मेप – Map of Harihar Fort
हरिहर किले में देखने लायक जगहे कौनसी है?
- हरिहर फोर्ट बारिश के महीनों में अपने तेज प्रवाह से बहते झरनों के सुन्दर दृश्य के लिए प्रसिद्ध है।
- हरिहर किले की सीधी खड़ी सीढियाँ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
- किले के उपर पानी से कुण्डों की श्रंखला मन को मोह लेती है।
- जब आप Harihar Fort की चढ़ाई करते है, तब बीच-बीच में बहुत सी गुफाए आपको रोमांचित कर देंगी।
- किले की सीढियाँ चढ़ने के बाद एक दरवाजा आता है, जो अत्यंत सुन्दर और विशाल है इस दरवाजे को महा दरवाजा कहते है।
- किले पर बहुत से तालाब बने हुवे है, और 2 कमरे भी बने है। जिनमे 12 लोग आराम से ठहर सकते है।
- Harihar Fort Photos लेने के लिए बहुत अच्छी जगह मानी जाती है।
FAQ’s about Harihar Fort Nasik
हरिहर का किला कितना ऊंचा है?
नासिक स्थति हरिहर फोर्ट की ऊंचाई 170 मीटर है, जो करीब 3676 फिट ऊँचा है। किले में चढ़ने के लिए आपको 117 दुर्गम सीढियों पर चढ़ना होगा।
हरिहर किला घूमने का सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
वैसे तो आप हरिहर किला किसी भी मौसम में घूम सकते है, किन्तु बारिश का मौसम यहाँ से सुहावने झरनों की वजह से सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, पर अगर आप अक्तूबर से मार्च के महीने में यहाँ घुमने आओगे तो सबसे अच्छा मौसम रहेगा।
भारत का सबसे ऊंचा किला कौन है?
राजस्थान के जोधपुर शहर में स्थित मेहरानगढ़ किला भारत का सबसे ऊँचा किला है, इस किले की ऊंचाई 410 फिट के करीब है। कहते है की मेहरानगढ़ किले से पाकिस्तान भी दिखाई देता है।
Ek bar Jane ka mouka Mila tha, sach kahu bahut dengerous fort hai ye